SUBODHA
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दुर्गा सप्तशती वैकृतिक रहस्यम ३० वां अर्धश्लोक –
पूजयेन्महिषं येन प्राप्तम सायुज्यमीशया ||
जब से देश में महिषासुर की चर्चा है ,तब से मेरा ध्यान दुर्गा शप्तशती की इस पंक्ति की ओर था ,पर आज मैंने उसे खोजकर पूर्ण आत्मविश्वास के साथ आप सब के समक्ष रखा |
आशा है ,सुधी पाठक लाभान्वित होंगे |
महिसुर और महिषासुर में अंतर मात्र इतना है ,महिसुर ,पृथ्वी की चरण वन्दना करता है ,महिषासुर पृथ्वी को सींगो से प्रताड़ित करता है |
|| जय माँ भगवती ,आदिशक्ति ,सबको सद्बुद्दि दे ||
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