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अधिकतर हमारे पाठ्यक्रम में विदेशी वैज्ञानिकों का यशोगान होता है ,हम उनके सिद्धांत पढ़ते हैं ,पर इसके साथ -साथ हमें अपने प्राचीन और अर्वाचीन वैज्ञानिकों का भी स्मरण करना चाहिए ,हम भारत के लोग नाम कमाने और पैसे कमाने के चक्कर में नहीं पड़ते ,हम ज्ञान के प्रचार -प्रसार में विश्वास रखते हैं,कुछ वैज्ञानिक निम्न लिखित हैं –
भरद्वाज ,नागार्जुन ,वराहमिहिर ,भास्कराचार्य ,आर्यभट्ट ,पतंजलि ,सुश्रुत ,चरक ,कणाद ,हरिश्चंद्र १९२३ ,सुब्रमण्यम चंद्रशेखर ,चंद्रशेखर वेंकटरमण ,प्रसंतचन्द्र महलनबीस ,डॉ शान्तिस्वरूपभटनगर ,वेणु बापू ,डॉ हर गोविन्द खुराना डॉ येल्ला प्रगदा सुब्बाराव ,मेघनाद सहा ,सत्येन्द्रनाथ बोस, म ,विश्वेस्वरैया ,जगदीशचन्द्र बसु,सवाई जैसिंग ,बीरबल साहनी ,म रामानुजम ,प्रफुल्ल चन्द्र रे ,दत्तात्रेय रामचन्द्र कापरेकर.
इसके अतिरिक्त अनेक भारतीय वैज्ञानिक अनवरत विश्व के कोने -कोने में कार्य कर रहे हैं ,जिनकी प्रतिभा की कायल सम्पूर्ण विश्व है |
आप http://vibhaindia.org/ पर जाकर भारतीय विज्ञान का विशेष अध्ययन कर सकते हैं ,और गूगल पर उपरोक्त वैज्ञानिकों को भी खोज सकते हैं |
||जय भारत माता ||
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