- 240 Posts
- 617 Comments
हिंदी दिवस पर देश में अच्छे कार्यक्रम हो रहे हैं ,हिंदी की वकालत हो रही है ,जहाँ एक ओर बहुत से लोग या एक पीढ़ी इसके पुरजोर समर्थन में है वहीं दूसरी ओर बहुत से हिंदी से मुंह मोड़कर बैठे हैं | अब सोचने की बात यह है -ऐसा क्यों हैं ? जो लोग विरोध कर रहे हैं ,वह भी सही हैं ,अब यहीं देखिये -हमें हिंदी में टाइप करने के लिए भी इंग्लिश में लिखना पड़ता है ,वैसे एक हिंदी का कीबोर्ड और सॉफ्टवेयर भी है ,पर फिर भी यह अधिक आसान है | मैंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इकनोमिक टाइम्स में हिंदी आर्टिकल पर कुछ कमेंट दिया ,जो नीचे उद्धृत है ,जिससे सहमत कम है ,असहमत अधिक | आज इस तकनीक युग में ,यदि सब कुछ हिंदी में हो जाये ,तो बहुत जटिल हो जाएगा , बहुत से लोग तो हिंदी पढ़ेंगे ही नहीं | १२ क्लास तक हिंदी में सब कुछ पढ़ने के बाद जब इंग्लिश में साइंस ,केमिस्ट्री पढ़ी ,तो उस ट्रांजीशन के दौर में बहुत अजीब अनुभव रहे ,ऐसा नहीं था कि कुछ समझ में न आता हो ,पर हिंदी से इंग्लिश में डेफिनिशन बताना,उसे समझना थोड़ा कष्टकर अवश्य था,उस समय में जो स्पीड की आवश्यकता थी ,वह मुझमे नहीं थी ,शायद यदि शुरू से ही इंग्लिश मध्यम रहा होता ,तो और कुछ होता | खैर,सोचने का विषय यह भी है ,यदि हिंदी मध्यम में भी अच्छे से न पढ़ा होता ,तो यह कुछ भी नहीं होता |
मेरे बाबा जी कहते -जब ऐसा लगे ,तुम बहुत अमीर हो ,तब अपने से बड़े को देखो और जब ऐसा लगे तुम बहुत गरीब हो ,तब अपने से छोटे को देखो ,चाहे गुणों में या पैसे में ,तो दिमाग सही रस्ते पर चलेगा |
मेरे हिसाब से सभी भाषाएँ श्रेष्ठ हैं,मातृ भाषा से लेकर अंतर्राष्ट्रीय भाषा तक, बस बोलने में प्रेम होना चाहिए और यदि कोई भाषा समझ में नहीं आ रही ,तो उसकी तौहीन नहीं करनी चाहिए ,भाषा छोटी या बड़ी ,अच्छी या बुरी नहीं होती ,निर्भर करता है ,उसे कौन बोल रहा है |
बाबा जी के कथनानुसार- पढ़ा लिखा आदमी गाली भी देगा ,क्रोध भी करेगा ,तो धीरे से और अनपढ़ ,गवार -गला फाड़कर चिल्लाएगा |
अच्छा है ,हिंदी का अत्यधिक विकास हो ,हिंदी या अन्य राज्जीय भाषाओं के छात्रों को जीवन में भाषा के आधार पर कठिनाई का सामना न करना पड़े,पर आज के इस दौर में अंग्रेजी को जीवन से अलग कदापि नहीं किया जा सकता |
Bala Sar
Bala Sar Agreed with a comment by You
You: NO ONE CAN UNDERSTAND INDIA WITHOUT HINDI.
22 days ago
Reply
Agree (4)
Disagree (5)
Recommend
Offensive
Hindi is ticket to success for Chinese studentsOn the sprawling EDI campus, a group of Chinese students peer into their textbooks.
Nila Sakthi
Nila Sakthi Disagreed with a comment by You
You: YES,GOOD.
17 days ago
Reply
Agree (1)
Disagree (3)
Recommend
Offensive
World Hindi Conference to push the language as means to employmentNarendra Modi government has pulled out all the stops to make a success of the event, where superstar Amitabh Bachchan will be a guest speaker.
Read Comments