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“गिनती और सच्चाई”

SUBODHA
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हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री जी की भाषण शैली अलग हटकर ही है ,शायद ऐसी भाषण शैली पहले किसी भी प्रधानमंत्री की नहीं रही | माननीय अटल जी पर यह आरोप लगता रहा कि वह प्रधानमंत्री बनने के बाद लिखे लिखाये भाषण पढ़ने लगे | आरोप तो लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है | अभी ” विरासत ” वाली टिप्पणी पर हमारा विपक्ष हो -हल्ला कर रहा है,शायद उन्हें इस मामले में अटल जी बहुत याद आते होंगे ,जिन्होंने इंदिरा जी की बहुत प्रसंसा की थी ,विदेशी धरती पर | पर विश्व को यह बताना भी जरूरी है -भारत का सिस्टम बदल रहा है ,जो अभी तक होता रहा ,वो अब नहीं हो पायेगा | भारत की विश्व में एक नयी पहचान बन रही है,वह अवश्य ही मोदी जी की वजह से |
पर एक बात से मैं ज्यादा सहमत नहीं होता -सोहरत और हकीकत दो भिन्न विषय है ,अच्छे वस्त्र पहनकर समाज में खड़े हो जाओ ,लोग कहने लगेंगे कोई बड़ा आदमी है ,पर घर में फांके पड़े हो ,तो अच्छी बात नहीं है | आप ९००० रुपये मासिक वेतन का घर में काम करने वाले का सुनिश्चित कर रहे हैं,१०००-२००० में काम करने के लिए लाखों लोग तैयार है |
देश को आवश्यकता है ,बड़े पैमाने पर रोजगार की -जो कि इंफ्रास्ट्रक्चर ,agri प्रोडक्ट्स मार्केटिंग ,डेरी,आदि से संभव है | लखनऊ के मानक नगर स्टेशन पर एक दूधिया अपना दूध स्टेशन पर फैला देता है -कारण ट्रैन टिकट एग्जामिनर | बेहतर हो ट्रैन में एक डिब्बा दूध वालों के लिए फिक्स किया जाये-उनके समय के अनुसार |
हाँ,अपने डाक्यूमेंट्स खुद अटेस्ट करना ,छूटी नौकरियों के लिए इंटरव्यू का झंझट ख़त्म करना अच्छा कदम है ,वसर्ते छात्र ईमानदारी से पास हुआ हो |
मेरा तो व्यक्तिगत विचार है -असफल शब्द ही १२ की कक्षा तक निकल देना चाहिए | न्यूनतम पासिंग मार्क्स ३३ की वजाय १० कर दो | यदि विद्यार्थी अपना पूरा प्रश्नपत्र भी हूब- हू परीक्षा में कॉपी कर दे दो १० मार्क्स दे दो | क्योंकि असफलता हमें निराशा की और ले जाती है और निराशा से कुंठित इंसान दुष्कर्म की और प्रवृत्त होता है | जीवन में सफल होने के लिए अच्छे मार्क्स के साथ -साथ अच्छे कर्म भी आवश्यक है ,हो सकता जो इंसान अपनी किशोरावस्था में अच्छे मार्क्स नहीं ला सका ,वह अपनी युवावस्था में अच्छे कर्म कर के एक सफल इंसान बन जाये |
अंततः देश की राजनीती सही दिशा में अग्रसर है ,ऐसा मेरा मानना है |
||जय भारत माता || जय श्री राम ||

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