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संसद में जारी गतिरोध,सुषमा जी का वक्तव्य,सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया और राहुल के प्रश्न से एक विचार पुनः -पुनः मेरे मष्तिष्क में उठता है -” संसार एक ड्रामा हाउस है ,ईश्वर इसका सूत्रधार है ,हम सब उसके एक्टर है ,कोई जोकर ,कोई नाचने वाली ,कोई कॉमेडी किंग ,कोई विलन,कोई कमाऊ,कोई खाऊ,कोई सब कुछ साफ़ करने में लगा,कोई सब कुछ इकट्ठा करने में लगा,किसी को खाने से परहेज़ है ,तो किसी को नहाने से,कभी कोई अच्छा एक्टर आता है,धुआंधार डायलाग बोलता है,कभी कोई गहन विचारक एक्टर आता है -सौ बात की एक बात बोल कर मौन हो जाता है | इस ड्रामा हाउस में दर्शकों की कोई कमी नहीं है ,कोई टिकट लेकर देखता है ,कोई बिना टिकट,तो कोई ब्लैक में भी टिकट खरीद लेता है ,तो किसी को यह ड्रामा देखने से ही परहेज़ है ,वह तो सूत्रधार की शरण में जाकर कहना चाहता है ,हमें अब कोई रोल नहीं करना,अब रिटायर कर दो हमें अपनी नौकरी से | ……………………………………………………………..
अंत में सब मौन हैं ………………………………….पर्दा गिरता है |
पुनः पर्दा उठने तक सूत्रधार स्क्रिप्ट लिखने में व्यस्त है ,प्लीज डू नॉट डिस्टर्ब | ”
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