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“मांझी-एक सच्चे इंसान”

SUBODHA
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राजनीति में ऐसे इंसान बिरले ही होते हैं ,जो खुलकर अपने हृदय की बात कहें | अधिकतर तो ऐसे ही होते हैं ,जो ऊपर कुछ और ,अंदर कुछ और | अभी बराक भाईसाहब आये थे ,यहाँ हनुमान जी का नाम जप रहे थे ,वहां जाकर धर्मनिरपेक्ष बनने लगे ,मुझे तो ऐसा लगता ,उनको बुलाना ही नहीं चाहिए था ,कहते हैं- राजा के आगे और जानवर के पीछे , बचकर रहना चाहिए ,वह कब लात चला दे ,कोई भरोसा नहीं | अमेरिका को लगता होगा -वह दुनिया का दादा है ,पर भारत सबका बाप है | हमें पैसा नहीं ,भगवान चाहिए और जब तक ऐसा एक भी इंसान भारत में रहेगा ,तब तक न जाने कितने वास्कोडागामा ,ह्वेनसांग ,फाह्यान भारत की गलियों में आकर खाक छानते घूमते रहेंगे | आजकल एक लाइफ ओके पर शो आ रहा ,रूद्र ,आई लाइक दैट |
खैर, जाने दो ,अपनी बात करते हैं ,अपने जीतन राम मांझी की ,क्या शख्सियत है,नेताओं ने कहा उनकी नैया डूबने वाली है ,उन्होंने कहा -मांझी की नाव कभी नहीं डूबती ,फिर अगर राम भी साथ में है ,तो बिलकुल भी नहीं | राजनीति में चाहे जो हो ,पर उनकी सच्चाई को मैं प्रणाम करता हूँ |
उन्होंने जो कहा ,सब सच कहा | पूरे दिन का थका -हारा मज़दूर ,रात को सोने से पहले एक पैग मार लेता है,तो क्या बुरा | भाई ,यह दुनिया ऐसी ही नहीं ऊपर उठ रही ,यह मज़दूर ही है ,जो दुनिया को बना रहे ,कोई ऑक्सफ़ोर्ड या IIT का डिग्री होल्डर नहीं | आर्किटेक्ट नक्सा बना सकता है ,पर उस नक्से को हकीकत में बदलना मज़दूरों का काम ही है |
मैं ,मांझी सर के प्रत्येक वक्तव्य का समर्थन करता हूँ |

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