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“स्वच्छता में ही देवत्व का निवास है”-किसी महान विचारक का कथन है | स्वच्छ भारत अभियान हमारे प्रधानमंत्री जी की एक महान और अच्छी कोशिश को , भले ही उनकी ही पार्टी के कुछ नेता दिल्ली में ही,अपने कर्मो से मज़ाक बना दे ,पर प्रधानमंत्री जी इस अभियान के प्रति कितने गंभीर हैं,यह दूसरे ही दिन वह अपने कार्यक्रम के दौरान अस्सी घाट पर सफाई कर के दिखा देते हैं |
लगभग २ वर्ष पूर्व मुंबई मिरर नामक समाचार पत्र में मैंने एक न्यूज़ पढ़ी थी,हमारे देश के एक प्रशासनिक अधिकारी,अपना कार्यालय प्रतिदिन स्वयं ही साफ़ करते हैं | मेरा ऐसा विचार है – इस देश से P.A. और PEON की सभ्यता का अंत होना चाहिए | पानी लाओ ,चाय पिलाओ ,यह सब वकवास है| हर इंसान अपने -अपने स्तर से आर्थिक और बौद्धिक विकास करे,और समाज एवं देश के उत्थान में सहयोग करे ,यह अधिक आवश्यक है |
परचर्चा करना हमारी मानसिकता है,इस देश का आम या खास नागरिक,MEDIA OR MIDDLE MAN चर्चा करने के बहुत अभ्यस्त हैं | सुबह उठकर और रात्रि में सोने से पूर्व हमें यह जानना होता है -मोदी ने क्या कहा,उद्धव ने क्या कहा ,रामदास आठवले ने क्या कहा,शरद पवार ने क्या कहा,मुलायम ,मायावती ,नितीश आदि ने क्या कहा और शायद यही इस देश के लोकतंत्र के मज़बूत होने की बहुत अच्छी वजह भी है | पर इतनी चर्चा -परिचर्चा के बावजूद भी हम अपने आप को बदल नहीं रहे, यह भी चिंतनीय विषय है |
इस देश के महानगरों का ऑटो ,टैक्सी ड्राइवर का गुट सवारी के इन्तजार में खड़े रहकर,स्वच्छ भारत अभियान की खबर को पढ़ते हुए,यह तो कहेगा -मोदी अच्छा काम कर रहे हैं ,पर अपनी पॉकेट से गुटखा निकालकर ,उसका पाउच सड़क पर फेंकते हुए और कुछ समय बाद अपनी पीक को भी वही थूंकते हुए अपने आप पर शर्म महसूस नहीं करेगा ,यही इस देश का दुर्भाग्य है |
और जब तक इस देश का आम नागरिक अपनी जीवन शैली और आचरण नहीं बदलेगा ,तब तक देश नहीं सुधरेगा |
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