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कुछ दिन से मीडिआ के माध्यम से जानकारी मिल रही है,कांग्रेस के १० करोड़ रुपये चोरी हो गए ,पता नहीं कहाँ चले गए ,कांग्रेस के नेता लोग उस पर कोई टिप्पणी भी नहीं कर रहे हैं,वाड्रा से फुर्सत मिले तब न |
पर मेरे पास कुछ खुफिया जानकारी है,जिसे मैं आज पब्लिक करना चाहता हूँ |महाराष्ट्र विधान सभा मतदान के दूसरे दिन मेरे ऑफिस पहुँचने पर ,मेरे जूनियर ने मुझसे पूछा ,सर आप ने वोट डाला ,कल |मैंने कहा ,”यार ,मेरा वोट उ.प्र.में है “| वह बोला ,सर मुझे आप के एरिया(खारघर -पनवेल ) के एक व्यक्ति ने बताया ,उधर बहुत पैसा बांटा गया | एक वोट का -४००० रुपये,जिस घर में ६ वोट ,उसके यहाँ ,एक सफ़ेद लिफाफे में बिना किसी ऊपरी नाम या पहचान के २४००० रुपये भेज दिए गए,कितना सही है न सर | बिना किसी मेहनत के २४००० आ गए |
मैंने उससे पूछा,यार रुपये बाटने वाले को कैसे पता,उस घर में ६ वोट हैं |वह बोला ,सर ,वोटर लिस्ट निकाल के,क्षेत्रीय नेता हर इंसान की वोटर आइडेंटिटी कार्ड के पते से जान लेता है और केवल इतना कहता है,भाई ध्यान रखना ,अपना भी देख लेना थोड़ा और लिफाफे पर कुछ इसलिए नहीं लिखता ,कोई गांधी जी के सिद्धांत वाला निकला ,तो बात मीडिआ में open हो जाएगी |
ऐसे ही सर ,हमारी एरिया में भी शाम को २ लड़के खड़े थे ,एक इंसान गाड़ी से आया ,उसको एक लिफाफा दिया ,बोला देख लेना यार ,बस इतना कहकर निकल लिया | बाद में उस लड़के ने लिफाफा खोला ,तो दोस्त से बोला ,यार मैं क्या करूँ इन १५००० रुपयों का ?
यह दो हाल ही के संस्मरण हैं ,विश्व के सबसे महान लोकतंत्र के सम्बन्ध में |पैसे किसके थे ,यह मुझे भी नहीं मालूम |
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