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“योगी आदित्यनाथ और यासीन मलिक”

SUBODHA
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“आप की अदालत” में आने वाले हर सख्स के केस की स्टडी मैं भी कर ही लेता हूँ ,अभी फिलहाल शत्रुघन सिन्हा,यासीन मलिक और योगी आदित्यनाथ को मैंने सुना और हमारे अनेक रीडर्स ने भी अवश्य ही उन्हें सुना होगा,ऐसा मुझे विश्वास है |
अतः थोड़ी सी समीक्षा लिख रहा हूँ मैं –
यासीन मलिक ने जब भी पाकिस्तान के अपने आकाओं का नाम लिया,तब साहब,जी आदि सम्बोधन का उपयोग किया और जब महात्मा का नाम लिया,तब सीधा -सीधा गांधी,यहीं से इंसान की असली सोच पता चलती है और शायद भारतीय मीडिया ने उस पर कोई चर्चा भी नहीं की |
पर जब योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू आया,तो देश में तहलका मच गया,जैसे उन्होंने भारतीय राजनीति में कोई सुनामी ला दिया हो,रजत शर्मा जी कह रहे थे -महात्मा गांधी जी ने कहा,कोई तुम्हारे एक गाल पर तमाचा मारे,तो दूसरा भी उसकी तरफ कर दो|
मुझे इसके आगे भी कुछ कहना है ,जो गांधी जी नहीं कह पाये -समझदार होगा,तो दूसरा तमाचा नहीं मारेगा और यदि वेवकूफ होगा तो पुनः वार कर देगा,पर यदि दूसरा तमाचा मारे,तो सामने वाले को अपने दोनों हाथों से कम से कम उसके मुँह पर १० तमाचे मारने चाहिए,जिससे दूसरा इंसान कभी भी किसी के ऊपर हाथ उठाने से पहले १०० बार सोचे |
“सर्वे भवन्तु सुखिनः” का सन्देश देने वाले राष्ट्र में जब अलग -अलग कायदा आने लगे,तब बहुसंख्यक समाज को हमेशा जागरूक रहने की आवश्यकता है,१२५ करोड़ के देश में १०० करोड़ सैनिक हों,तो किसी भी खूँखार अपराधी में इतनी जुर्रत नहीं,कि वह इस देश को तिरछी नज़र से भी देख सके|
आज मुझे लगता है देश के हर घर को एक योगी की आवश्यकता है|
“जय हिन्द ,जय भारत”

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