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“तारा शाहदेव-एक आदर्श नारी”

SUBODHA
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बहुत दिनों से देश में इस नाम की चर्चा है और मैंने भी समय मिलने पर कई न्यूज़ चैनल पर इस महान व्यक्तित्व को सुना,जिसके शरीर पर प्रताड़ना के चिन्ह स्पष्ट दृष्टिगोचर होते,किसी प्रकार से वह जान बचाकर वहां से निकली और सारे काले कारनामों का भंडा फोड़ उसने बाहर आकर किया,देश के शासन ,प्रशासन और न्याय का असली चेहरा जनता के सामने आया,मंत्री ,जज,अधिकारी यह देश सेवा नहीं,हराम की खा रहे और भोली,गरीब लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बना रहे,इन्हे हर रात्रि एक नयी लड़की चाहिए,इस देश का यह असली चेहरा है और जनता,प्रकृति के प्रकोप से त्रस्त होकर अपना सिर और छाती पीट -पीट कर मातम मना रही है,न कोई उसे सुनने वाला और न ही उसकी परिस्थिति को कोई समझने वाला |
इस देश की ऐसी नारियों को मैं सत्ता में देखना चाहता हूँ,ताकि इनके शक्तिशाली होने से हमारा समाज और अगली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल और दैदीप्य होगा |
इसके साथ ही देश में एक और नया शब्द “लव जेहाद” भी चर्चा का विषय है,जो भी देश,जाति अथवा समाज जिसके द्वारा आक्रांत किया जाता है,उसे वह कभी नहीं भूलता,बदला लेने की भावना नियत में ही छुपी होती है और नियति ही सही समय आने पर बदला भी लेती है,घनानंद -चाणक्य,मुग़ल -आर्य,अँगरेज़ -स्वंत्रता संग्राम सेनानी आदि अनेक उदाहरण हमारे इतिहास में हैं और जिन्होंने इतिहास नहीं भी पढ़ा वह भी बदला लेना जानते है,कहते हैं काला सर्प अपनी मृत्यु का बदला अवश्य लेता है,इस देश में अनेक ऐसी वीरांगनाएँ हुयी जिसने अनेक मर्दों को नामर्द कर दिया |
आज का युवा नाम बदलकर नेट पर चैट करता है,एक साथ ३-४ लड़कियों से चैट करता है,अमज़द,अमित बन जाता और रनजीत, रक़ीबुल|
इन्ही विभीषिकाओं से बचने के लिए गीता में ह्रषीकेश ने पार्थ से कहा,”स्वधर्मे निधनं श्रेयः ,पर धर्मो भयावह || अपने ही धर्म और जाति में सही जीवन साथी अवश्य ही मिल जाएगा,यदि थोड़ी सी बुद्धि और लालच से दूर रहकर सोचो,नहीं तो-“विनाश काले विपरीत बुद्धिः” |
हमारे बाबा जी सत्य नारायण कथा के दौरान एक वाक्य कहते -कलियुग में सच्चिदानंद तुरंत फल के दायक है | सतयुग ,त्रेता ,द्वापर में समय लगता था,हज़ारों वर्ष तपस्या करनी पड़ती थी,कलियुग में ५-१० वर्ष में सब क्लियर हो जाता है |
अतः हर पल सोच समझ कर,सही ,गलत का विचार करते हुए जीना बहुत आवश्यक है |

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