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एयर इंडिया का विस्तृत इतिहास आप विकिपीडिया में पढ़ सकते हैं.मैं यहाँ सूक्ष्मता से यही कहना चाहता ,इसकी आधारशिला J.R.D.TATA ने रखी और बाद में इसे सरकार ने टेक ओवर कर लिया.मैंने भी इस कंपनी में १४ महीने अनपेड अपरेंटिसशिप की.ईश्वर की कृपा से उस समय अप्रेंटिसशिप की फीस नहीं लगती थी.अब तो ६ माह की अप्रेन्टिसशिप का ,कुछ ३०००० रुपये चार्ज है. यह नया कानून ,उन युवाओं के लिए ,जो लाखों रुपये खर्च करके अप्रेंटिसशिप खोजने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. एयर इंडिया वास्तव में एक महा सागर जैसा है,बहुत विस्तार. मुंबई में ही उसके पास ६-७ हैंगर ( एयरोप्लेन खड़े करने का स्थान,धूप और वारिश से भी बचाव).बहुत आधुनिक इक्विपमेंट्स और टूल्स.बड़े -बड़े सेक्शन और शॉप. विंड टनल फैसिलिटी आदि -आदि.
तो फिर समस्या क्या है? ये महाराजा ,कंगाल बनने की ओर क्यों अग्रसर है?
मैंने कुछ देखा,कुछ एयर इंडिया के वर्कर्स से सुना.यह आवश्यक नहीं मैं ही सही हूँ.पर विचार प्रस्तुत हैं –
१.)एक सेक्शन में टेक्निकल वर्कर्स -४,उनके ऊपर-१ या २ इंजीनियर,१२ -मैनेजर्स,२ -डिप्टी डायरेक्टर.
२.)टेक्निकल वर्कर्स – I.T.I. या POLYTECHNIC से डिप्लोमा होल्डर,इंजीनियर और कुछ मैनेजर्स ,डी.जी.सी.ए. लाइसेंस होल्डर्स,कुछ मैनेजर्स और डायरेक्टर्स -I.I.T. ,I.I.M. QUALIFIED.
३.) टेक्निकल वर्कर्स की सैलरी सबसे कम,काम सबसे अधिक. मैनेजर्स और डायरेक्टर्स ,काम वातानुकूलित कमरों में बैठकर मीटिंग करना.सैलरी -लाखों में.
४.) अब जिसने कंपनी में समय दिया और क्वालिफाइड भी है,तो प्रमोशन तो होगा ही और होना भी चाहिए.परिणामस्वरूप ,मैनेजर बढ़ते जा रहे. खर्चे भी बढ़ रहे ,महाराजा के.
“संतरी की अपेक्षा मंत्री को पालना,महाराजा के लिए ज्यादा दुष्कर है,और यदि ठकुरसोहाती कहने वाले मंत्री ऐसे ही दिनोदिन बढ़ते रहे,तो वो दिन दूर नहीं होगा,जब महाराजा को दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा”.
अतः हे महाराजा,नींद से जागो.मंत्रियों की संख्या कम करो,सेना का लाव -लश्कर बढ़ाओ,अपनी छोटी -छोटी शाखाएं समूचे देश के हर एयरपोर्ट पर फैला दो. आम आदमी को भी महाराजा के दर्शन करने का मौका दो.आम आदमी आप की भरपूर सेवा करेगा.आप की तिज़ोरी कभी खाली नहीं होगी.
जय महाराजा.
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