Menu
blogid : 18093 postid : 739123

“बच्चा”

SUBODHA
SUBODHA
  • 240 Posts
  • 617 Comments

कुछ माह पूर्व तक के विगत जीवन में मुझे यही लगता रहा कि-युवा जोश को नियंत्रण और दिशा देने के लिए बृद्ध अनुभव की आवश्यकता है,पर अब मुझे ऐसा भी लगने लगा -एक छोटा बच्चा भी यह काम कर सकता है.
मेरे घर पे एक पुस्तक थी -“अकबर करें सवाल ,बीरबल दें जवाब”.उसमे एक किस्सा था -बीरबल ने अकबर से पूछा .तुम्हारा भगवान कैसा है,अपने भक्त की रक्षा करने के लिए सब छोड़कर नंगे पैर दौड़ जाता है.बीरबल ने कहा -जहाँपनाह ,उचित समय आने पर उत्तर दूंगा.
बीरबल ने दरबार के एक सेवक को पटाया और उससे कहा तुम्हे इस काम का अच्छा इनाम मिलेगा.बीरबल ने शहजादे का हूबहू पुतला बनबाया और नौकर से दरबार लगे होने के समय लाने को कहा और बताया, तुम इस पुतले के साथ सरोवर में ऐसे घुसना कि पुतला आधा पानी में और आधा बाहर.सेवक ने वैसा ही किया.अकबर ने जैसे यह सब देखा ,वह सब छोड़कर एकदम भागे ,अपने शहज़ादे की रक्षा के लिए.
बीरबल ने कहा ,जहाँपनाह ,क्यों नहीं आप ने आदेश दिया अपने दरबारियों को ,क्यों आप ही दौड़े चले गए. ऐसा ही हमारा भगवान है.
उसी में और एक किस्सा था -अकबर ने दरबार में पूछा -सबसे बड़ा कौन.सबने अपने -अपने हिसाब से उत्तर दिए.उस दिन बीरबल किसी कारणवश अनुपस्थित.अकबर ने सोचा यदि बीरबल होते ,तो कुछ अलग उत्तर देते.
दुसरे दिन अकबर ने बीरबल से पूछा -बीरबल ने कहा -“छोटा बच्चा “.अकबर ने कहा -क्यों.बीरबल बोले -जहाँपनाह ,बच्चा ,राजा को भी नौकर बना सकता है.
मेरा यह अपना नया और ताज़ा अनुभव है -एक बच्चा आप को सरल और क्रोधरहित बना सकता है.एक बच्चा आप को जैसे चाहे वैसे नचा सकता है.क्यों कि उसके अंदर तुम्हारा अक्श और अंश है .तुम्हारे २३ गुणसूत्र उसके अंदर समाहित है.उसके छोटे से मन -मष्तिष्क में तुम्हारी याद और चिंता है. वह तुम्हे तुम्हारे बचपन का अहसास करा सकता है और तुम्हे याद दिला सकता है -तुम्हारे माँ-बाप और परिवार ने कितने कष्टों से तुम्हे बड़ा किया होगा.
शायद इसीलिये बच्चे भगवान का रूप होते हैं -क्यों कि वह अबोध होकर भी,तुम्हे सुबोध बनाने की चेष्टा करते हैं………………………………..

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh