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“प्रेतात्मा”

SUBODHA
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इस देश में अन्धविश्वास बहुत है.मेरे विचार से किसी के द्वारा कही हुयी बात पर एकदम पूर्ण विश्वास कर लेना अन्धविश्वास है. बात को ध्यान से पढ़ो या सुनो,सुनकर गुनो,मनन करने के बाद में उन बातों को प्रक्टिकल घटित होता हुआ देखो,इसके बाद उन तथ्यों पर विश्वास करो ,ये अच्छे विश्वास की अच्छी पहचान और परिपक्वता है.
मुंबई जैसे महानगर में भी मुझे चौराहे के ऊपर कभी -कभी आधा नारियल ,आधा नीबू ,२-४ हरी मिर्च ,एक जनेऊ ,सिन्दूर आदि देखने को मिल ही जाता है.लोगों की बुरी नज़र से बचने के लिए या अपना रुका हुआ काम पूरा करने के लिए शायद ये सब किया जाता है.
गीता में भगवान ने तीन तरह की प्रकृति का वर्णन किया – सात्विक,राजसी ,तामसी.
अब सात्विक इंसान बुरी नज़र से बचने के लिए -ओम नमः शिवाय,ओम ऐ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै,हुं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट आदि का जप करेगा.
राजसी इंसान -नीबू ,नारियल काटकर चौराहे पर चढ़ाएगा और तामसी किसी इंसान को भी काटकर बुरी नज़र से बचने का उपाय कर सकता है.मुझे लगता है – पहले वाला तरीका सबसे अच्छा और सबसे सस्ता है.यदि आप बुरी नज़र से परेशान हैं -तो पहले वाला रास्ता अपनाये,आराम होगा आप को और आप के दुश्मन को भी.
अब बात करते हैं -भूत और प्रेत की.गॉव में ये सब बातें अधिक होती हैं.मैंने बचपन में इनके बहुत किस्से सुने.लोग कहते जो व्यक्ति अकाल मृत्यु( किसी दुर्घटना बगैरह से) मरता ,वह भूत -प्रेत की श्रेणी में चला जाता.किसी-किसी रोड पर एक पर्टिकुलर जगह पर हर वर्ष एक दुर्घटना घटित होती,लोग कहते वहां कोई आत्मा रहती,वही एक्सीडेंट करवाती. बड़े बुजुर्ग अपने बच्चों को समझाते रस्ते में कही कोई पीपल का पेड़ हो ,तो उसके पास थूकने या मल -मूत्र त्याग करने से बचो.गीता में भी विभूति योग के अध्याय में भगवान ने कहा-वृक्षों में मैं पीपल का वृक्ष हूँ ,अंत में यह भी कहा-इस सृष्टि के कण -कण में हूँ.अनेक परिवार में और हमारी संस्कृति में पीपल के पेड़ की पूजा भी की जाती है,कोई कहता वहां हनुमान जी रहते और कोई कहता वहां ब्रह्मदेव(बरमदेव) रहते,जो हमारी संकट की घड़ी में रक्षा करतें हैं.
मैंने एक घटना लाइव देखी -हमारे गॉव में एक लेडी बहुत बीमार,बोलने में असमर्थ,ग्लूकोस की बोतल उसको दी जा रही ,आसपास दस -बारह लोग देखने के लिए बैठे.उसका परिवार और वो ब्रह्मदेव के उपासक.एकदम कुछ ऐसा हुआ वो लेडी बहुत जोर-जोर से बोलने लगी,सब लोग उसके सामने हाथ जोड़ने लगे.उस लेडी के लड़के ने कहा – बाबा कुछ गलती हुयी हो तो क्षमा करो,हम आप के थान पे आएंगे.मैं लगभग ५ फ़ीट की दूरी से यह सब देख रहा था.लेकिन मुझे भी तब से यह लगने लगा,ब्रह्मदेव नाम की कोई शक्ति है अवश्य.धीरे -धीरे फिर से वह लेडी नार्मल हुयी.२-४ दिन में वह ठीक हो गयी.

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